Ganesha Aarti 2025 : दीपों का पर्व दीपावली सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि भक्ति, विश्वास और नए आरंभ का प्रतीक है। इस दिन सबसे पहले भगवान श्री गणेश जी की पूजा की जाती है, क्योंकि वे विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता हैं। माना जाता है कि उनकी आराधना के बिना कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता। इसलिए दीपावली की रात लक्ष्मी पूजा से पहले Ganesha Aarti 2025 की आरती का विशेष महत्व होता है।
आइए इस पावन अवसर पर पढ़ते हैं Ganesha Aarti 2025 की संपूर्ण आरती जो घर में सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य लाने वाली मानी गई है।
श्री गणेश जी की आरती (Ganesha Aarti 2025)

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
एकदंत दयावंत चार भुजाधारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
अंधन को आँख देत कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
दानव दुखी संकट से सेवक को राखे।
सुख सम्पत्ति घर आवे कष्ट मिटावे।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
दीपावली पर गणेश जी की आरती का महत्व
Ganesha Aarti 2025 की रात जब आप माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं, तो सबसे पहले Ganesha Aarti 2025 की आरती करना अत्यंत शुभ माना जाता है। विघ्नहर्ता गणेश जी की कृपा से हर कार्य में सफलता, घर में सुख-शांति और मन में स्थिरता आती है। आरती के दौरान दीप जलाना, फूल अर्पित करना और जय गणेश जय गणेश देवा का उच्चारण पूरे वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।
आरती करने का शुभ मुहूर्त (Ganesha Aarti 2025)
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तारीख 20 अक्टूबर 2025
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गणेश पूजन का शुभ समय शाम 650 बजे से रात 830 बजे तक
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दिशा पूरब या उत्तर की ओर मुख करके आरती करें
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सामग्री दीपक, कपूर, फूल, दूर्वा, मोदक और लाल वस्त्र
Ganesha Aarti 2025 आरती के बाद करें यह कार्य

आरती के बाद Ganesha Aarti 2025 के सामने मोदक का भोग लगाएं और परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद बांटें। इसके बाद माँ लक्ष्मी की पूजा करें ताकि घर में धन, ज्ञान और सौभाग्य का आगमन हो सके।
Disclaimer
यह आर्टिकल धार्मिक और पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जानकारी और आस्था को साझा करना है। कृपया पूजा-पद्धति या मुहूर्त को लेकर अपने स्थानीय पुजारी या ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य लें।





